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Saturday, March 27, 2010

एकतरफा बोल रही हैं अंजू गुप्ता : कलराज मिश्रा

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं बाबरी विध्वंश मामले में आरोपी कलराज मिश्रा ने आईपीएस अधिकारी अंजू गुप्ता के सीबीआई अदालत में शुक्रवार को दिऐ बयान को एकतरफा करार दिया है। उन्होंने कहा कि अंजू अपने बयान में पूर्वाग्रहों से ग्रस्त लगती हैं। उन्हें मामले का दूसरा पक्ष भी रखना चाहिऐ थे।
  • आडवाणी, जोशी ने मुंह तक नहीं खोला था, शेशाद्रि विभिन्न भाषाओं में लोगों को ढांचा तोड़ने से मना कर रहे थे 

शनिवार को निजी प्रवास पर नैनीताल पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बातचीत मैं यह बात कही। उन्होंने इसे सही करार दिया कि बावरी विध्वंश की घटना के दौरान अंजू वहां एएसपी के रूप में मौजूद थीं, और उनकी (कलराज की) अंजू से काफी बात भी हुई थी। उन्होंने बताया कि घटना के दौरान देश की विभिन्न भाषाओं के ज्ञाता आरएसएस नेता स्वर्गीय शेशाद्रिचारी भीड़ को लगातार हिन्दी, तमिल, तेलगू व पूर्वोत्तर की विभिन्न भाषाओं में चीख चीखकर `संघ की मानो´ व `अनुशासन मानो´ कह समझा रहे थे। कलराज ने दावा किया कि इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं मुरली मनोहर जोशी कार सेवकों को भड़काने जैसा एक शब्द भी नहीं बोले थे। इस दौरान जब ढांचा तोड़ा जा रहा था, कई लोग बाबरी ध्वंस करने वालों को पकड़ने के लिए भी दौड़े, और कई को मारा भी गया। मिश्रा ने कहा कि वह घटना भीड़ द्वारा अनियन्त्राण की स्थिति में की गई घटना थी, ऐसे में नेतृत्व पर लांछन लगाना गलत है। उन्होंने माना कि बाबरी ध्वंस के बाद कुछ लोगों ने खुशी जरूर जताई थी। उनका कहना था कि अंजू यदि दूसरी ओर की बातें भी रखती तो अच्छा होता। एक अन्य सवाल के उत्तर में श्री मिश्रा ने राम मन्दिर निर्माण को भाजपा की वचनबद्धता बताया। साथ ही साफ किया कि भाजपा के पूर्ण बहुमत बिना यह सम्भव नहीं लगता। उन्होंने भाजपानीत एनडीए के छह वर्ष के शासनकाल में राम मन्दिर न बनाने को विफलता मानने से इंकार किया। कहा यह 1857 से चला आ रहा विवाद है। उन्होंने खुलाशा किया कि 1857 में फैजाबाद के एक हिन्दू व एक मुस्लिम नेता ने विवादित स्थल पर मन्दिर का निर्माण तय कर लिया था, किन्तु अंग्रेजों ने दोनो नेताओं को फांसी पर चढ़ा दिया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को भी राममन्दिर के कपाट खोलने के लिए श्रेय दिया। कहा कि कांग्रेस पार्टी सहित सभी चाहते हैं कि राम मन्दिर बने, परन्तु दूसरे को राजनीतिक श्रेय न मिल जाऐ इसलिए विरोध करते हैं। अमिताभ बच्चन को गुजरात का ब्राण्ड अंबेसडर बनाऐ जाने के बाद कांग्रेस द्वारा उनका विरोध किऐ जाने को उन्होंने कांग्रेस की संकुचित सोच का नमूना बताया। कहा कि पूर्व पीएम राजीव गांधी, पीएम डा. मनमोहन सिंह व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद से विकास के प्रतिमान रचने के लिए प्रशंशित गुजरात प्रदेश से किसी बढ़े कलाकार के जुड़ने की प्रशंशा होनी चाहिऐ। इसे कलाकार का सत्तारूढ़ दल से जुड़ना नहीं माना जाना चाहिऐ।

3 comments:

  1. Kalraj ji; janta sab samajhti hai. Lakhon logon ko Ayodhya kis liye aapki party ne bulaya tha. Kar seva ke liye lakhon logon ki koi zaroorat nahin thi. BJP ke sakriy karyakarta hi kaafi they. UmaBHarti Sh Adwaniji se galey kyun mili? Adwaniji ne us wakt koi afsos vyakt kyun nahin kiya? Babri masjid ko todna pahle se tay tha. Is umar me to kam se kam sach bol dijiye Kalraj ji. Aapko Shri Ram ji ki kasam hai.

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  2. दोमुंहापन जिनके स्वभाव का अनिवार्य अंग है, उनसे सच बोलने का अनुरोध क्यों कर रहे हैं नरेश जी?

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  3. दोमुंहापन जिनके स्वभाव का अनिवार्य अंग है,संघ का .nice

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